VIVIDHA 3.0

VIVIDHA 3.0

AUTHOR : VARIOUS AUTHOR

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है। ‘विविधा’ विविध तरह कि रचनाओं का संग्रह है। जो ऐसे लेखकों का प्रयास है, जिनमें उत्साह है, कुछ नया और भिन्न लिखने का चाव है और जिन्हें स्वयं को साबित करने हेतु अवसर कि तलाश है।

श्रीहिन्द पब्लिकेशन्स की स्थापना भारत की प्राचीन साहित्यिक राजधानी ‘उज्जयनी’ में करने के पीछे यही मकसद था कि छिपी हुई प्रतिभाओं को आगे लाया जाये और एक बार फिर से साहित्य को ऊंचाई दी जाय।

कहते हैं कि जब अच्छे मंसूबों के साथ प्रयास किये जाये तो सारी कायनात मदद करती है। इसीलिए अपनी स्थापना के प्रथम वर्ष में ही श्रीहिंद का यह प्रयास फलीभूत हुआ और देश के कोने कोने से लोगों ने दिलचस्पी दिखाई, अपनी रचनाएँ भेजीं।

पहले विचार यही था कि जो विजेता होंगे उनकी किताबें फ्री पब्लिश की जाएँगी किन्तु प्रविष्टियाँ इतनी अच्छी थीं कि चुनिन्दा रचनाओं को लेकर ‘विविधा’ किताब की परिकल्पना की गयी जब अब आपके हाथ में हैं उम्मीद है कि ‘विविधा’ ऐसे ही अपनी की यात्रा से ‘श्रीहिंद’ के उभरते लेखकों को आगे लाने का प्रयास निरंतर जारी रखेगी।

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Description

AUTHOR : VARIOUS AUTHOR

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है। ‘विविधा’ विविध तरह कि रचनाओं का संग्रह है। जो ऐसे लेखकों का प्रयास है, जिनमें उत्साह है, कुछ नया और भिन्न लिखने का चाव है और जिन्हें स्वयं को साबित करने हेतु अवसर कि तलाश है।

श्रीहिन्द पब्लिकेशन्स की स्थापना भारत की प्राचीन साहित्यिक राजधानी ‘उज्जयनी’ में करने के पीछे यही मकसद था कि छिपी हुई प्रतिभाओं को आगे लाया जाये और एक बार फिर से साहित्य को ऊंचाई दी जाय।

कहते हैं कि जब अच्छे मंसूबों के साथ प्रयास किये जाये तो सारी कायनात मदद करती है। इसीलिए अपनी स्थापना के प्रथम वर्ष में ही श्रीहिंद का यह प्रयास फलीभूत हुआ और देश के कोने कोने से लोगों ने दिलचस्पी दिखाई, अपनी रचनाएँ भेजीं।

पहले विचार यही था कि जो विजेता होंगे उनकी किताबें फ्री पब्लिश की जाएँगी किन्तु प्रविष्टियाँ इतनी अच्छी थीं कि चुनिन्दा रचनाओं को लेकर ‘विविधा’ किताब की परिकल्पना की गयी जब अब आपके हाथ में हैं उम्मीद है कि ‘विविधा’ ऐसे ही अपनी की यात्रा से ‘श्रीहिंद’ के उभरते लेखकों को आगे लाने का प्रयास निरंतर जारी रखेगी।

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