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Description
संजय त्रिपाठी – मेरा राम मेरा देश, मथुराईश और नीलकंठ प्रकाशित हुई, जिनमें धर्म और इतिहास हाथ में हाथ डाले चलते हैं। शांकरी इनकी चौथी पुस्तक थी जिसमें उन्होंने नर्मदा को किवदंतियों से परे रख कर उसके बारे में खुद के और लोगों के वास्तविक अनुभव के आधार पर लिखा था, काली इनकी पांचवी कृति है जिसमें लड़कियों पर घटते यौन अत्याचार और प्रतिकार स्वरूप उठती समानुभुति के कारण लिए जाने बाले बदले की कहानी है।
समीर को बताया जाता है कि उसका नाम हनुमान का नाम है, और वह वो सब कर सकता है, जो हनुमान ने किया। WITH FULL CONVICTION समीर ने इसे स्वीकार किया और और वह कर दिखाया जो असम्भव था। माना कि समीर की कहानी काल्पनिक है पर METHOD काल्पनिक नहीं, प्रक्रिया काल्पनिक नहीं। यह सतत है, सनातन है, यूनिवर्सल है कि जो स्वीकार करेगा, बार बार सुनेगा, दोहराएगा वो कुछ भी असम्भव कर जायेगा।