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Description
जीवन मे बहुत कुछ अप्रत्याशित सा घटता है…. ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई हमारी उंगली थामे हमारा मार्ग प्रशस्त कर रहा है। मेरे पहले कहानी संग्रह के विषय में मुझे कुछ ऐसा ही आभासित हो रहा है….. सोचा था एक-दो वर्ष बाद मेरा य़ह संग्रह आएगा लेकिन अचानक श्री हिंद प्रकाशन द्वारा कहानी प्रतियोगिता आयोजित हुई जिसमें मुझे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ और पुरस्कार स्वरुप मेरी दो किताबे प्रकाशित करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। इस सुअवसर का लाभ उठाते हुए मेरी कुछ छोटी-बड़ी कहानियों को एकत्रित कर मेरे प्रथम कहानी संग्रह का स्वप्न साकार हुआ। इस संग्रह की सभी कहानियाँ प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकीं हैं। मेरे प्रथम कहानी संग्रह की कहानियाँ प्रेम के विभिन्न स्वरुप से रची-पगी हैं। जैसे शिशुमन कोमल और स्निग्ध होता है वैसे ही मेरा प्रथम कहानी संग्रह एक शिशु की भांति कोमल भावों को समेटे हैं, इसमें कुछ अनगढ़ता है, कच्चापन है पर वो सहजता है जो पाठक को अपनत्व की डोर से बाँध सकती है। मेरे इस प्रथम संग्रह की अधिकांश कहानियां जीवन के सकारत्मक पक्ष को उजागर करती हैं।