by Mahima Shukla “बाल मंजूषा” बाल मन पर आधारित रचना संग्रह है। इस मंजूषा में 40 लेखकों की बाल रचनाएँ संग्रहित हैं। इनमें बाल अठखेलियों चंचलता, जिज्ञासा और उनकी सहज़ मनोवृत्ति–सभी की अभिव्यक्ति है। विविध विधाओं में लिखी गयी रचनाओं में कई विषयों को छुआ गया है। बच्चों के लिए मनोरंजन, सीख और सकारात्मक दृष्टिकोण सभी का ध्यान रखना गया है। उम्मीद है ये मंजूषा बाल मन को प्रेरित करेगी। यह संग्रह रोचक और पठनीय सिद्ध हो यही इसकी सफलता हो सकती है। श्रीहिन्द प्रकाशन उज्जैन की “पुरस्कार योजना” के अंतर्गत प्रकाशित यह कृति पाठकों के लिए प्रस्तुत है। लेखकों को प्रकाशन के अवसर देने के लिए उनका आभार। सभी सह लेखकों को रचनात्माक योगदान हेतु हार्दिक धन्यवाद ।
“बाल मंजूषा” बाल मन पर आधारित रचना संग्रह है। इस मंजूषा में 40 लेखकों की बाल रचनाएँ संग्रहित हैं। इनमें बाल अठखेलियों चंचलता, जिज्ञासा और उनकी सहज मनोवृत्ति–सभी की अभिव्यक्ति है। विविध विधाओं में लिखी गयी रचनाओं में कई विषयों को छुआ गया है। बच्चों के लिए मनोरंजन, सीख और सकारात्मक दृष्टिकोण सभी का ध्यान रखना गया है। उम्मीद है ये मंजूषा बाल मन को प्रेरित करेगी। यह संग्रह रोचक और पठनीय सिद्ध हो यही इसकी सफलता हो सकती है। श्रीहिन्द प्रकाशन उज्जैन की “पुरस्कार योजना” के अंतर्गत प्रकाशित यह कृति पाठकों के लिए प्रस्तुत है।
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Description
by Mahima Shukla
“बाल मंजूषा” बाल मन पर आधारित रचना संग्रह है। इस मंजूषा में 40 लेखकों की बाल रचनाएँ संग्रहित हैं। इनमें बाल अठखेलियों चंचलता, जिज्ञासा और उनकी सहज़ मनोवृत्ति–सभी की अभिव्यक्ति है। विविध विधाओं में लिखी गयी रचनाओं में कई विषयों को छुआ गया है। बच्चों के लिए मनोरंजन, सीख और सकारात्मक दृष्टिकोण सभी का ध्यान रखना गया है। उम्मीद है ये मंजूषा बाल मन को प्रेरित करेगी। यह संग्रह रोचक और पठनीय सिद्ध हो यही इसकी सफलता हो सकती है। श्रीहिन्द प्रकाशन उज्जैन की “पुरस्कार योजना” के अंतर्गत प्रकाशित यह कृति पाठकों के लिए प्रस्तुत है।