Bindas Bol ( बिंदास बोल )

Bindas Bol ( बिंदास बोल )

AUTHOR: RAMA NIGAM

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Description

मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को बेझिझक बेबाकी के साथ,मनोरंजक तथा ज्ञानवर्धक तरीके से प्रस्तुत करती यह पुस्तक बिंदास बोल बहुआयामी विषयों को अपने आप में समेटे हुए है। आम आदमी के इर्द गिर्द घूमती इस पुस्तक में हंस मत पगली प्यार हो जायेगा,आज मर गये,पचास रुपये जल रहे हैं,यह मेरे पापा की गर्लफ्रेंड है, दिल विल प्यार व्यार, तू तो पागल है के साथ ही एक सामान्य इंसान के दर्द या खुशी को बयां करती हुई कुछ ऐसी बातें जिनसे यह महसूस होता है कि यह तो कहीं ना कहीं मेरे साथ भी घटित हुई हैं या इस विषय वस्तु का पात्र मैं भी हूं। जिसमें घर वाली से पूछकर बताऊंगा,चाय एक संस्मरण,मैं पापा बन गया,समझौता एक्सप्रेस,मैंथी,यह तुमने क्या कर डाला,हरी बिंदी,अल्पसंख्यक दिव्यांग,मानव एकता,वस्त्र बोलते हैं,प्यार,स्पर्श की हसरत,घर आना,ठगी हुई औरत,खाली हाथ।इसके अतिरिक्त बिंदास बोल में उन विषयों को भी उजागर करा गया है,जिन पर सामान्यतया लोग बात करने से परहेज करते हैं।उन्हीं में से अंतःवस्त्र बोलते हैं।कुछ कानूनी बातों के माध्यम से हिस्सेदारी बराबर तो जिम्मेदारी भी बराबर के साथ ही डॉक्टर की सलाह अचानक घटता हुआ वजन कारण और निदान।प्रतिभा से साक्षात्कार हुड़चुम्मा।कभी नर्म-नर्म कभी सख्त- सख्त में रबर बैंड सी मम्मी। हां मैं बी वीथ बी हूं अर्थात् ब्रेन के साथ ब्यूटी हूं, विवाह एक यज्ञ,शराब सजा या मजा,मैं पापा बन गया,मैं आजाद हूं और किन्नर दर्शन।जीवन के हर पहलू को अपने आप में समेटे पुस्तक बिंदास बोल पढ़ने योग्य होकर समय-समय पर प्रासंगिक है।

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